October 20, 2024

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Manovigyan Ki Paribhasha | मनोविज्ञान की परिभाषा

Manovigyan Ki Paribhasha (definition of psychology in hindi):  मनोविज्ञान क्या है ? मनोविज्ञान की परिभाषा क्या है ? मनोविज्ञान में प्राणियों का अध्यन किया जाता है की प्राणी कैसे सीखता है , सोचता है, याद करता है , समझता है, तथा कैसे अपने आस पास के वातावरण की वस्तुओ और घटनाओ के साथ किस तरह से अंतक्रिया करता है आदि का अध्ययन मनोविज्ञान के अंतर्गत किया जाता है |

Manovigyan Ki Paribhasha

Manovigyan Ki Paribhasha

प्रारंभ में मनोविज्ञान दर्शनशास्त्र का विषय था क्यों की मनोविज्ञान क्या है ? ये लोग ज्यादा नही जानते थे | इसलिए अलग-अलग लोगो ने अर्थात विभिन्न दर्शनशास्त्रीयों ने विभिन्न विचार दिए जो मनोविज्ञान के संप्रदाय (Schools of Psychology) कहलाए | लेकिन वर्तमान समय में इसे वैज्ञानिक विषय की मान्यता मिली है जिसे हम इसके इतिहास में देख सकते है |

सामान्यतया: हम देखते है की प्रत्येक व्यक्ति का व्यव्हार अलग अलग होता है , उनकी बुधि , अभिव्यक्ति , और स्वभाव अलग होता है तो इन व्यवहारों को सामान्य व्यक्ति सामान्य व्यवहार ही समझता है लेकिन मनोविज्ञान में इन व्यवहारों और क्रियाओ के पीछे छुपे मूल कारण या वैज्ञानिक कारणों का क्रमबद्ध अध्ययन ही मनोविज्ञान का मूल उद्धेश्य है

 

Manovigyan Ki Paribhasha |psychology definition in hindi

मनोविज्ञान (Psychology) दो ग्रीक शब्दों ‘Psyche’ और  ‘Logos’ से मिलकर बना है | ‘Psyche’ का अर्थ है “आत्मा”  और  ‘Logos’  का अर्थ  “अध्ययन” करना होता है , अर्थात शाब्दिक अर्थ के अनुसार मनोविज्ञान विषय में आत्मा का अध्ययन (Study of Soul) किया जाता है | पहले के समय के ग्रीक दार्शनिक “ अरस्तु और प्लेटो “ ने भी मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान ही कहा था |

उसके बाद समय के साथ कुछ और दार्शनिको ने इस विषय का विस्तार किया और कुछ नई रूपरेखा दी जैसे 17 वी शताब्दी के दार्शनिक लिविनिज लॉक आदि ने ‘Psyche‘ के लिए उपयुक्त शब्द मन (mind) का प्रयोग किया , इस तरह बाद में लोगो ने मनोविज्ञान विषय को “मन का अध्ययन “(Study of Mind ) करने वाले विषय के रूप में माना गया | “ मन और आत्मा “ शब्द दार्शनिक रूप से लोगो को समझाना आसान था लेकिन वैज्ञानिक रूप से ये दोनों अप्रेक्षणीय (Unobservable) था ,अर्थात इन्हें हम देख नही सकते थे इसलिए इन परिभाषाओं को वैज्ञानिक अध्ययन के लिए उपयुक्त नहीं माना गया |

psychology ki paribhasha

इसके बाद मनोविज्ञान की परिभाषा में कुछ और परिवर्तन आया और लोगो ने कुछ और परिभाषाए भी दी

कुछ लोगो ने मनोविज्ञान को चेतना (consciousness) और चेतन अनुभूति (conscious experience) के अध्धयन को  विज्ञान कहा | विलियम वुट (Wilhelm Wundt) और इसके शिष्य टीचेनर (Titchener) इसके समर्थक थे |

विलियम वु (Wilhelm Wundt) को प्रयोगात्मक मनोविज्ञान का जनक (Father Of Experimental Psychology )कहा जाता है        

क्यों की इन्होने लिपजिंग विश्वविद्यालय में 1879 में सर्वप्रथम मनोविज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण किया |

मनोविज्ञान को परिभाषित करने वाले वैज्ञानिको की लम्बी सूची है |

मनोविज्ञान की अन्य परिभाषा

  • वाटसन के अनुसार, मनोविज्ञानव्यवहार का निश्चित या शुद्ध विज्ञान है।
  • मैक्डूगल के अनुसार, मनोविज्ञानआचरण एवं व्यवहार का यथार्थ विज्ञान है
  • वुडवर्थ के अनुसार,मनोविज्ञानवातावरण के सम्पर्क में होने वाले मानव व्यवहारों का विज्ञान है।
  • बोरिंग के अनुसार, मनोविज्ञान मानव प्रकृति का अध्ययन है।
  • गैरिसन व अन्य के अनुसार, मनोविज्ञान का सम्बन्ध प्रत्यक्ष मानव – व्यवहार से है।
  • गार्डनर मर्फी के अनुसार, मनोविज्ञान वह विज्ञान हैजो जीवित व्यक्तियों का उनके वातावरण के प्रति अनुक्रियाओं का अध्ययन करता है।
  • स्टीफन के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षणिक विकास का क्रमिक अध्ययन है।
  • ब्राउन के अनुसार, शिक्षा के द्वारा मानव व्यवहार में परिवर्तन किया जाता है तथा मानव व्यवहार का अध्ययन ही मनोविज्ञान कहलाता है।
  • क्रो एण्ड क्रो के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञानव्यक्ति के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक के अनुभवों का वर्णन तथा व्याख्या करता है, जिसमे मानव–व्यवहार और मानव सम्बन्धों का अध्ययन है।
  • स्किनर के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान के अन्तर्गत शिक्षा से सम्बन्धित सम्पूर्ण व्यवहार और व्यक्तित्व आ जाता है।  स्किनर ने इसे व्यवहार और अनुभव का विज्ञान कहा है।
  • कॉलसनिक के अनुसार, मनोविज्ञान के सिद्धान्तों व परिणामों का शिक्षा के क्षेत्र में अनुप्रयोग ही शिक्षा मनोविज्ञान कहलाता है।
  • सारे व टेलफोर्ड के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान का मुख्य सम्बन्ध सीखने से है। यह मनोविज्ञान का वह अंग है जो शिक्षा के मनोवैज्ञानिक पहलुओं की वैज्ञानिक खोज से विशेष रूप से सम्बन्धित है।
  • किल्फोर्ड के अनुसार, बालक के विकास का अध्ययन हमें यह जानने योग्य बनाता है कि क्या पढ़ायें और कैसे पढाये।
  • स्किनर के अनुसार, मानव व्यवहार एवं अनुभव से सम्बंधित निष्कर्षो का शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोग शिक्षा मनोविज्ञान कहलाता है।(शिक्षा के संदर्भ में)
  • जे.एम. स्टीफन के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक विकास का क्रमिक अध्ययन है।
  • ट्रो के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों के मनोविज्ञान पक्षों का अध्ययन है।
  • बी एन झा के अनुसार, शिक्षा की प्रकिया पूर्णतया मनोविज्ञान की कृपा पर निर्भर है।
  • एस एस चौहान के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिवेश में व्यक्ति के विकास का व्यवस्थित अध्ययन है।
  • पेस्टोलोजी के अनुसार, शिक्षा मनुष्य की क्षमताओं का स्वाभाविकप्रगतिशील तथा विरोधहीन विकास है।
  • जॉन डीवी के अनुसार, शिक्षा मनुष्य की क्षमताओं का विकास है जिनकी सहायता से वह अपने वातावरण पर नियंत्रण करता हुआ अपनी संभावित उन्नति को प्राप्त करता है।
  • जॉन एफ.ट्रेवर्स के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान वह विज्ञान है ,जिसमे छात्र शिक्षण तथा अध्यापन का क्रमबद्ध अध्ययन किया जाता है।
  • स्किनर के अनुसारशिक्षा मनोविज्ञान का उद्देश्य शैक्षिक परिस्थति के मूल्य एवं कुशलता में योगदान देना है।

 (सन्दर्भ विकिपीडिया )

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