April 29, 2024

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Anekarthi-Shabd-Kise-Kahate-Hain

Anekarthi Shabd Kise Kahate Hain

Anekarthi Shabd Kise Kahate Hain :- आज हम आपको  इस पोस्ट  के जरिए “हिंदी व्याकरण” के विषय “अनेकार्थी शब्द  Anekarthi Shabd के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। कहीं ना कहीं हिंदी व्याकरण से संबंधित विद्यार्थियों को  कोई ना कोई  संदेह रह ही जाता है, ऐसे में हमारी यह पोस्ट  आपको  “Anekarthi Shabd Kise Kahate Hain” से संबंधित संदेह  को दूर करने में हम आपकी इस पोस्ट के जरिये मदद करेने की कोशिश करते हैं ।

 Anekarthi Shabd Kise Kahate Hain

ऐसे शब्द जिनके अनेक अर्थ होते है “अनेकार्थी शब्द “कहलाते है।

इनका प्रयोग अलग-अलग अर्थ में प्रसंगानुसार किया जाता है। जैसे-अज, अमतृ , कर, सारंग, हरि आदि।

Anekarthi-Shabd-Kise-Kahate-Hain

अनेकार्थी शब्द किसे कहते हैं

anekarthi shabd ka arth

अनेकार्थी शब्द का अर्थ

ऐसे शब्द, जिनका अर्थ “अनेक” या एक से अधिक अर्थ होते है, उसे अनेकार्थी शब्द कहेत है। दूसरे शब्दों में- जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं, उन्हें भी  ‘अनेकार्थी शब्द’ कहते है।

अन्य शब्द जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं, उन्हें ‘अनेकार्थी शब्द’ कहते है।
अनेकार्थी का अर्थ है – “एक से अधिक अर्थ देने वाला “।

 अनेकार्थी शब्द के उदाहरण

har ka anekarthi shabd in Hindi । हर का अनेकार्थी शब्द

हर शब्द का  एक से अधिक अर्थ – महादेव, अग्नि, गधा, भाजक।

 anekarthi shabd in hindi

अ से शुरू अनेकार्थी शब्द

अग्र- पहाड़, वृक्ष, अचल।
अग्र- मुख्य, आगे, नोंक, शिखर।
अमृत- सुधा, जल, अमर, सुन्दर।
अन्तर- मध्य, ह्रदय, व्यवधान, भेद।
अज- ब्रह्मा, बकरा, दशरथ का पिता।
अक्ष- आँख, धुरी, आत्मा, पहिया, पासा।
अक्षर- अविनाशी, वर्ण, आत्मा, आकाश, मोक्ष।
अमल- निर्मल, अभ्यास, समय, नशा।
अमर- देवता, पारा, अविनाशी।
अलि- भौंरा, मदिरा, कुत्ता।
अरिष्ट- लहसुन, नीम, कौवा।
अहि- सर्प, सूर्य, कष्ट।
अचल- स्थिर, पर्वत, दृढ़।
अटक- बाधा, भ्रमणशील, उलझन।
अरुण- लाल रंग, सूर्य, सिन्दूर।
अर्क- इन्द्र, सूर्य, रस, अकबन।
अंकुर- कोंपल, नोंक, सूजन, रोआँ।

अनेकार्थी शब्द ।  Anekarthi Shabd । Anekarthi Shabd Kise Kahate Hain

अंकुश- रोक, हाथी को वश में करने का लोहे का छोटा अस्त्र।
अंजन- काजल, रात, माया, लेप।
अंश- हिस्सा, कोण का अंश, किरण।
अंत- मरण, अवसान, सीमा।
अनन्त- आकाश, अन्तहीन, विष्णु।
अच्युत- कृष्ण, स्थिर, अविनाशी।
अपर- दूसरा, इतर, पंखहीन।
अपंग- अपाहिज, तिलक, नेत्रों के कोने।
अधिवास- निवास, पड़ोसी, बस्ती, हठ।
अनल- आग, परमेश्वर, जीव, विष्णु।
अपाय- जाना, लोप, नाश, हानि, उपद्रव।
अभय- निर्भयता, शिव, निरापद।
अपवाद- कलंक, वह प्रचलित प्रसंग, जो नियम के विरुद्ध हो।

अतिथि- मेहमान, साधु, यात्री, अपरिचित व्यक्ति, यज्ञ में सोमलता लाने वाला, अग़्नि, राम का पोता या कुश का बेटा।
अरुण- लाल, सूर्य, सूर्य का सारथी, इत्यादि ।
अपेक्षा- इच्छा, आवश्यकता, आशा, इत्यादि।
अंक- भाग्य, गिनती के अंक, नाटक के अंक, चिन्ह संख्या, गोद।
अंबर- आकाश, अमृत, वस्त्र।
अनंत- आकाश, ईश्वर, विष्णु, अंतहीन, शेष नाग।
अर्थ- मतलब, कारण, लिए, भाव, हेतु, अभिप्राय, धन, आशय, प्रयोजन।
अवकाश- छुटटी, अवसर, अंतराल
अन्तर- शेष, दूरी, हृदय, भेद।
अधर- धरती (आकाश के बीच का स्थान), पाताल, नीचा, होंठ।
अगज- हाथी से भिन्न, पहाड़ से उत्पन्न।

आ  से शुरू अनेकार्थी शब्द

आपत्ति- विपत्ति,एतराज।
आम- आम का फल, सर्वसाधारण, रंज, मामूली, सामान्य।
आराम- बाग, विश्राम, रोग का दूर होना, निरोग होना।
आत्मा- प्राण, अग्नि, सूर्य।
आकार- स्वरूप, चेष्टा, बुलाना।
आशुग- वायु, तीर, पत्र।
आली- सखी, पंक्ति।
अभिनिवेश- आग्रह, संकल्प, अनुराग, दृढ़ निश्चय।
अयोनि- अजन्मा, नित्य, मौलिक, कोख।
अशोक- मगधराज, शोकरहित, एक वृक्ष।
आँख- नयन, परख, सन्तान, छिद्र।
आनंद- ख़ुशी, मदिरा, शिव, एक छंद।
आभीर- अहीर, एक राग।

 इ, उ  anekarthi shabd

इतर- दूसरा, साधारण, नीच।
इंगित- संकेत, अभिप्राय, हिलना-डूलना।
इन्द्र- देवराज, राजा, रात्रि।

ईश्वर- परमात्मा, स्वामी, शिव, पारा, पीतल।

उत्तर- उत्तर दिशा, जवाब, हल, अतीत, पिछला, बाद का इत्यादि।
उग्र- विष, प्रचंड, महादेव।
उद्योग- परिश्रम, धंधा, कारखाना।
उदार- दाता, बड़ा, सरल, अनुकूल।

एकांत- तत्पर, स्वस्थचित्त।
एकाक्ष- काना, कौवा।
ऐरावती- इरावती नदी, बिजली, वटपत्री।
ओक- पक्षी, शूद्र, मतली, घर, पनाह।
औसत- बीच का, साधारण, दरमियानी

केवल- एकमात्र, विशुद्ध ज्ञान।
कंद- शकरकन्द, बादल, मिश्री।
कलत्र- स्त्री, कमर।
केलि- परिहास, खेल, पृथ्वी।
कमल- हिरण, पंकज, ताम्बा, आकाश।
कल्प- सबेरा, शराब।
कक्ष्या- राजा की देहरी, कमरबंद।
कसरत- व्यायाम, अधिकता।
कबंध- जल, बादल, एक राक्षस।
कौरव- धृतराष्ट्रादि, गीदड़।
कम्बल- आँसू, ऊनी वस्त्र, गाय के गले का रास।
कंबु- शंख, कंगन।

कर- हाथ, टैक्स, किरण, सूँड़ ।
काल- समय, मृत्यु, यमराज।
कला- अंश, किसी कार्य को अच्छी तरह करने का कौशल।
कर्ण- कर्ण (नाम), कान।
कुशल- खैरियत, चतुर ।
कल- बीता हुआ दिन, आने वाला दिन, मशीन।
कर्ण- कर्ण (नाम), कान।
काम- वासना, कामदेव, कार्य, पेशा, धंधा।
कनक- सोना, धतूरा, पलाश, गेंहूँ।
कुंद- भोंथरा, एक मूल।
कुल- वंश, सब।

कृष्ण- काला, कन्हैया, वेदव्यास।
केतु- एक ग्रह, ध्वज, श्रेष्ठ, चमक।
कोट- परिधान, किला।
कोटि- श्रेणी, करोड़, गणना।
कंक- यम, क्षत्रिय, युधिष्ठिर।
कंकण- कंगन, मंगलसूत्र, विवाह-सूत्र।
कंटक- घड़ियाल, काँटा, दोष।
कक्ष- कमरा, काँख, लता, रनिवास, बाजू।
कटाक्ष- आक्षेप, तिरछी निगाह, व्यंग्य।
कर्क- केंकड़ा, आग, एक राशि, आईना, सफेद।
काक- कौआ, लँगड़ा आदमी, अतिधृष्ट।
कादम्ब- कदम्ब, ईख, बाण, खट्टी मदिरा।
कृत्स्न- जल, कोख, पेट।
कलाप- समूह, तरकश, मोर की पूँछ, चाँद, व्यापार।
कस- बल, परीक्षा, तलवार की लचक।
कान्तार- टेढ़ा मार्ग, वन।
कांड- गुच्छा, दुर्घटना।
काट- द्रोह, आपसी विरोध।
कैतन- ध्वजा, घर, कार्य, आमंत्रण।
कुरंग- हिरण, नीला, बदरंग।
कुंभ- घड़ा, एक राशि, हाथी का मस्तक।
कुटिल- टेढ़ा, दुष्ट, घुंघराला।
कौपीन- लँगोटा, अकार्य, गीद्ध।
कौशिक- विश्वामित्र, नेवला, उल्लू, सँपेरा, इन्द्र।

अनेकार्थी शब्द “Anekarthi Shabd” को उनके अर्थ और उदाहरण के साथ  

घर का अनेकार्थी शब्द

कार्यालय, कुल, मकान

 

  1. शब्द किसे कहते हैं
  2. पर्यायवाची शब्द  किसे कहते हैं?
  3. Tatsam Shabd And Tatbhav Shabd
Anekarthi Shabd Kise Kahate Hain

मुझे उम्मीद है की आपको इस पोस्ट से यह पता चल गया होगा की Anekarthi Shabd Kise Kahate Hain (अनेकार्थी शब्द किसे कहते हैं)। हमने पिछली पोस्ट मे  शब्द किसे कहते हैं  के बारे में बताया था । अगर आपको “हिंदी व्याकरण” से संब्धित कोई भी जानकारी यहाँ पर मिल जाएगी। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले । और हम कमेंट कर जरूर बताना की हमारी पोस्ट के बारे में।

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